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मंण्ड के क्रेशर उद्योग बंद होने से क्षेत्र बासियों को दुगने रेटो पर पंजाब से खरीदकर लाना पड़ रहा है क्रेशर मटीरियल

व्यूरो रिपोर्ट(इन्दौरा)

क्रेशर उद्योग  बन्द होने से घर का बिगड़ रहा बजट


पंजाब से एक सैकड़ा रेत का देना पड़ रहा 3000 रुपये


जनता की अपील क्रेशर चलाने की अनुमति दे सरकार



इन्दौरा उमण्डल के ठाकुरद्वारा क्षेत्र में लगे क्रशर उद्योगों के बन्द होने पर जनता को काफी परेशानी हो रही है क्योंकि इन उद्योगों से नजदीक पड़ रहे गांवों को काफी सहूलियत थी उनको सस्ते दामों पर घर बनाने के लिए रेत,बजरी मिल जाती थी लेकिन इन उद्योगों के बन्द होने पर स्थानीय निवासियों को बाहरी राज्य पँजाब के हाजीपुर ,नंगलभुर, मिरथल आदि से रेत,बजरी लानी पड़ रही जो कि काफी महँगी मिल रही है जिस से घर बनाने का जो बजट है वो डमाडोल हो रहा है।


स्थानीय निवासियों ने सरकार से गुजारिश की है की इन क्रेशर उद्योगों को जल्द चलाया जाए ताकि घर बनाने के लिए जो सामग्री चाहिए वो उनको अपने ही क्षेत्र में


सस्ता मिल जाए ताकि किसी के घर बनाने का बजट खराब न हो।




वहीँ स्थानीय क्रशरों पर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि उनके घर में खाने के लाले पड़ गए हैं उनके पास कोई रोजगार नहीँ है क्रशर बन्द होने से कई घरों में एक वक्त का खाना बन रहा और कई शाहूकारों के कर्जदार हो गए हैं अब तो शाहूकारों ने भी उधार देना छोड़ दिया है।


कुछ एक स्थानीय निवासियों ने गम्भीर आरोप लगाते हुए यह कह दिया कि कुछ क्षेत्र के वासी क्रशर वालों को ब्लैकमेल करते रहतें हैं कि उनको सामान कम मूल्य या मुफ्त मिले अगर नहीँ दिया जाता तो क्रशर उद्योग की झूठी शिकायत कर उन्हें परेशान किया जाता है।


स्थानीय जनता ने कहा कि उन्हें क्रशर उद्योगों से कोई समस्या नहीँ है समस्या है तो खराब सड़कमार्ग से यहाँ से यह भारी भरकम ट्रक निकलते हैं सरकार सड़क मार्ग बढ़िया बनाये ताकि सड़कों पर अगर यह भारी भरकम वाहन जाए भी तो उस से सड़क मार्ग को कोई क्षति न पहुंच पाए।


वहीं जब क्रशर मालिकों से क्रशर उद्योग चलाने की बात की गयी कि कब तक क्रशर चलेंगे तो उद्योगपतियों ने बताया कि जैसे आदेश सरकार के आएंगे उसी के बाद क्रशर उद्योग चलाएंगे।

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