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वैसाखियों के सहारे जिंदगी जीने को मजबूर इंदौरा के गांव घगवाँ निबासी नानक चंद के परिवार ने लगाई मदद गुहार

 गगन ललगोत्रा काँगड़ा


गगन ललगोत्रा(व्यूरो इंदौरा)


कहते हैं गरीबी और लाचारी इंसान को बेबस बना देती है लेकिन कई बार एक दर्दनाक हादसा अभी हंसते खेलते परिवार को उजाड़ कर रख देता है ऐसा ही मामला विधानसभा इंदौरा के अंतर्गत पड़ती ग्राम पंचायत सुरड़वा के गाँव घगवां मैं देखने को मिला है यहां का नानक चंद वैसाखियों के सहारे जीने मजबूर है और सरकार से उसका परिवार मदद की गुहार लगा रहा है कि काश कोई उसकी मदद परिवार का थोड़ा दर्द हल्का कर दे!


आपको बता दें कि नानक चंद हंसते खेलते परिवार के साथ खुशियों भरा जीवन अतीत कर रहे थे कि अचानक एक हादसे ने उनकी हस्ती खेलती दुनिया को नर्क बना कर रख दिया । नानक चन्द ऊना में स्वा चैनलाइज प्रोजेक्ट में काम कर अपने बच्चो का पालन पोषण कर रहे थे कि वर्ष2012 में घर से ऊना को जाते समय अम्ब कस्वे के पास उनका एक्सीडेंट हो गया  लेकिन अनहोनी को कुछ और ही मंजूर था। दुर्घटना में उनकी टांग टूट गई है जगह जगह इलाज करवाया पर कही स्थिति में सुधार न होने पर टांग सड़ने गलने लग पड़ी मेरे इलाज के लिए स्थानीय लोगो ओर मेरे रिस्तेदारो ने भी मेरी आर्थिक मदद की ओर मेरे इलाज पर लगभग साढ़े सात लाख रुपए से ऊपर खर्च आया पर टांग फिर भी ठीक नही हुई और आखिरकार पठानकोट के एक निजी हॉस्पिटल में टांग को करबाना पडा।  जिस कारण हंसते खेलते परिवार की खुशियां गमहीन में बदल गई घर की आर्थिक स्थिति चरमरा गई पत्नी बीना देवी और पांच बेटियों के साथ रह रहे नानक चंद अपनी बेटियों को शिक्षा दिलाने में भी असमर्थ हो गए और दुखदाई जीवन जीने को मजबूर हैं


बॉक्स


पत्नी बीना देवी ग्रहणी है और बाहर का काम कर घर का गुजारा चला रही हैं पिता के दुर्घटना के कारण पांचों बेटियां उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकी जिस कारण उनको स्कूल छोड़ना पड़ा!


 नानक चंद को चलने फिरने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक व्हीलचेयर कानपुर की एक संस्था द्वारा अपंग यूनियन के सहयोग से धर्मशाला में मिली थी  जोकि उसके चलने फिरने के लिए एक मात्र सहारा थी वे  व्हील चेयर जो की काफी दिनों से खराब पड़ी है सिर्फ पैसे नहीं होने के कारण से नानक का परिवार उसको ठीक नहीं करवा पाया है  !जब परिवार वालो ने अपनी बात सरकार के नुमाइंदों के सामने रखी तो  इन्हे निराशा का मुँह देखना पड़ा है अब परिवार की भगवान दानी सज्जनों व  सरकार से हाथ फैलाए मदद की गुहार है कि उनकी मदद की जाए!  अपंग नानक चंद का कहना है कि इस दुर्घटना ने उसके व उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है इलाज के लिए लाखों रुपए का कर्ज सिर पर चढ गया है बेटियां जवान है और इस गरीबी में उनसे शादी कौन करेगा। किसी न किसी तरह लोगो के कुछ सहयोग से एक बेटी की शादी कुछ ही महीने पहले की है । उसका भी कर्ज सिर चढ़ गया है।

 घर की हालत भी खराब है जो दो कमरे उसने बनाए थे वह भी जर्जर हो चुके हैं एकमात्र सहारा व्हीलचेयर मिली थी बे भी खराब है पहले उस व्हीलचेयर पर मैं गांव में कहीं घूम आता था लेकिन उसके खराब हो जाने के कारण अब वैसाखियों के सहारे चला भी नहीं जाता!



 इस संबंध में जब ग्राम पंचायत सुरड़वा की प्रधान सीता देवी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि  नानक चंद के मकान को आवास योजना के तहत प्रस्तावित कर भेजा गया है और आपके माध्यम से व्हीलचेयर का मामला संज्ञान में लाया गया है उच्च अधिकारियों को  अवगत करवा कर नानक चंद की व्हीलचेयर को को ठीक करवाया जायेगा


 

 इस संबंध में जब खण्ड बिकास अधिकारी इंदौरा कर्म चंद नरयाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है मैं उक्त पंचायत को व्हील चेयर ठीक करवाने के निर्देश दे रहा हूं और सरकार की तरफ से  जब  पीड़ित परिवार का मकान सभीकृत होता है तो उसको वे  भी  दे दिया जाएगा!


जब इस विषय पर जब इन्दौरा की  विधायक रीता धीमान  से बात करनी चाहिए तो उन्होंने पहले तो फोन उठाना गवारा ना समझा लेकिन बार-बार फोन लगाने पर उन्होंने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया!

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