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सात दिन से धरने में बैठे लोगों की समस्या सुनने के लिए जिलाधीश काँगड़ा ओर एसपी काँगड़ा पहुँचे बसंतपुर

 


गगन ललगोत्रा (ठाकुरद्वारा)


सात  दिन से धरने में बैठे लोगों की समस्या  सुनने के लिए   जिलाधीश काँगड़ा ओर एसपी काँगड़ा पहुँचे बसंतपुर


क्षेत्र के रास्तो चल रहे क्रेशर के भारी भरकम बाहनों से तंग जनता बसंतपुर में एक सप्ताह से बैठी थी धरने पर  




इन्दौरा उपमण्डल में चल रहे क्रशर की उद्योग की गाड़ियों से लोगों के घरों की दीवारों  में दरारें पड़ रही हैं यह बात स्थानीय निवासियों ने पत्रकार वार्ता में बताई वहीँ स्थानीय औरतों ने बताया कि क्रशर उद्योग की गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण से लोगों को एलर्जी हो रही है उन्होंने बताया कि 10 साल के बच्चों को खांसी की समस्या आ रही है जो ठीक नहीं हो रही और डॉक्टरों को चेक कराने पर वह इसे एलर्जी की बीमारी बता रहें हैं कि वायु प्रदूषण से इनको एलर्जी हो रही है।



वहीँ उन्होंने बताया कि सड़क मार्ग छोटा होने पर हर दिन यहाँ क्रशर की गाड़ियां पलटी रहती हैं जो आसपास के खेतों में पलट जाती है क्रशर उद्योग वाले गाड़ियां बाहर निकाल कर ले जाते हैं और जो रेत,भालू,बजरी वहीँ पड़ा रहता है जिस से किसानों की फसलों को भी नुकसान होता है। भारी बाहनों के चलने से परेशान मंड क्षेत्र की जनता लगातार एक सप्ताह से मिलवां टू ठाकुरद्वारा रोड पर स्थित बसंतपुर शिव मंदिर के पास धरने पर बैठी है


बही आज बसंतपुर में धरने पर बैठे लोगों से बातचीत करने लिए जिलाधीश काँगड़ा, एसपी काँगड़ा सहित कई विभागों के अधिकारी मौके पर पहुँचे ओर जनता की बातों को ध्यान पूर्वक सुना । बही मंड में लगे क्रेशर यूनिटों का भी निरक्षण किया। 




वही अंत मे स्थानीय बिधायक रीता धीमान की अगुबाही में मंड क्षेत्र की जनता ओर जिलाधीश काँगड़ा ,एस पी काँगड़ा सहित सभी विभाग के अधिकारियों में एक मीटिंग हुई। जिसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि  जब तक खनन बिभाग अबैध खनन का आकलन नही कर लेता।तव तक क्रेशर बंद रहेंगे।बही जिलाधीश काँगड़ा राकेश प्रजापति ने तुरंत प्रभाव से गाँव पराल व टांडा मोड़ ठाकुरद्वारा में  विशेष नाका लगाने के आदेश भी दिए ताकि ओवरलोड वाहन न गुज़रे।

बही प्रशाशन के आश्वाशन के बाद जनता ने धरने पर बैठे रहने का फैसला स्थगित कर देने का फैसला लिया


ज्ञात रहे कि इससे पहले कोरोना महामारी के चलते क्रशर उद्योगों को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा है, दूसरी ओर पंजाब में पहले से ही गुंडा टैक्स पर्ची लगी हुई है। ऐसे में अचानक क्रशर उद्योगों को बंद करने का तुगलकी फरमान ठीक नहीं है। दूसरी ओर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से क्रशर उद्योग से जुड़े लोगों और विशेषकर कामगार वर्ग के क्रशर उद्योगों पर कोरोना महामारी के बाद काम पर लौटे सैंकड़ों लोगों का रोजगार छिन गया है। इस बारे भी सरकार व प्रशासन को सोचने की दरकार है।



क्या कहते है क्रेशर मालिक------ 


क्रेशर मालिकों में कर्ण सिंह पठानिया, करतार सिंह, रंजीत सिंह, पुरुषोत्तम सलारिया आदि ने कहा कि उन्होंने कृषि उद्योग सरकार की अनुमति और पूरे मापदंड करके लगाए हैं। इसमें उन्होंने करोड़ों रुपयों का लोन लिया है। अब क्रशर कुछ लोगों की मांग पर बंद कर रहे हैं, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द कोई उचित कदम नहीं उठाया गया तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे

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