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इंदौरा के अति पिछड़े क्षेत्र सुग भटोली में शिक्षा और स्वस्थ्य सुबिधा की लौ देने बाले संत फकीर चंद जी महाराज नही रहे

 गगन ललगोत्रा( इंदौरा)





परम पूज्य संत श्री फकीर चंद जी महाराज को उनके पैतृक गाँव मबा कोहला में दी समाधि 



 बिधानसभा क्षेत्र इंदौरा के अंतर्गत पड़ते अति पिछड़े क्षेत्र के गाँव  सुग- भटोली को स्वर्ग बनाने वाले संत श्री फकीर चंद जी महाराज आज पंच तत्व में विलीन हो गए

,कहते है कि आज के युग में साधु संतो के दर्शन होना नामुमकिन है चाहे बाबा फकीर चंद जी महाराज  इस दुनियां से चले गए है  उन्होंने मात्र एक हिमाचल प्रदेश में ही अपनी छाप नही छोड़ी बल्कि पूरे भारत वर्ष में अपनी  में छोड़ी है उनके द्वारा जनता के हित के लिए कीये गए कार्यो को लेकर  वह हमेशा अमर रहेंगे। 



 सुग- भटोली गाँव जो कि कभी जंगल हुआ करता था ओर इस क्षेत्र में किसी भी तरह की कोई चाहे सरकारी जा फिर निजी सहूलियत नही होती थी। बाबा जी महाराज ने इस गाँव मे एक पहाड़ी ओर जय माँ आश्रम के नाम से आश्रम की नींव रखी। इस जंगलरूपी गाँव मे शिक्षा, स्वस्थ्य आदि की सहूलियत नही थी तो सर्वप्रथम बाबा जी ने एक पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एक पब्लिक डिग्री कालेज,एक संस्कृत कालेज,एक कंप्यूटर कॉलेज, एक बीएड़ कालेज ओर एक निजी अस्पताल खोलकर क्षेत्र की जनता को  सुविधाएं दी ओर अपने भबन में सरकारी बैंक भी खुलबाया ओर हर वर्ष कई बार राष्ट्रीय स्तर जैसे बड़े संत समागम करबाए जाते थे और कभी भागवत कथा ओर कभी रामायण पाठ से यह नगरी मंत्रमय रहती थी। वर्षो तक इस पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा और स्वस्थ की लो को उजागर करने के बाद अपने द्वारा खोले गए स्कूल, बीएड कालेज, डिग्री कालेज ओर संस्कृत कालेज को सरकार के अधीन करवा दिया । बाबा जी के इस दुनिया से चले जाने के उपरांत 

सुग- भटोली गांव की धरती सुनी पड़ गई है आज इस क्षेत्र की जनता ने  एक अनमोल रतन खो दिया है। बाबा फकीर चंद जी की जन्म भूमि जिला ऊना के बिधानसभा गगरेट में पड़ते गाँव मबा कोहला में है। यहाँ आज बाद दोपहर  पूरी रस्मो के साथ उनको समादि दी गई। इस मौके पर हजारो भगतो ने बाबा जी के अंतिम दर्शन कीये। आज हर किसी की आंखें नम हुई दिखाई दी



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